राम
राम सा !
होळी घणी दूर कोनीं । सगळां रौ मूड मौज-मस्ती रौ होवणो शुरू हो'ग्यो है । तो आज
एक हास्य ग़ज़ल आप सब री निजर है सा
इशक म्हारौ इ right है
चिगावै whole day तूं
अर रुवावै whole night है !
हुयो,one way इशक
कारण म्हारौ हुलियो कीं tight
है !
घडी लागै कै
तिर जास्यूं, घडी
लागै कै रुळ जास्यूं
हुया ढीला
किस्योडा fuse, जग-बुझ क्यूं
आ light है ?
लगायां gel चुपड़्यां cream कैवै काच proud सूं
रंगीला ! जा, जनान्यां
में था'रौ future तो bright है !
अड़ै mouse हरखतो जाय' था'रै blog सूं म्हारौ
पड़ै ठा' click कर्'यां सूं ; तूं किणी दूजै
री site है !
पटावण नैं
थनैं बेलूं म्हैं पापड , दंड ई
पेलूं
ज़मानै भर सूं
माथाफोड़णी , घर
में इ fight है !
किस्यो ठेको
है मजनू रोमियै रांझै रौ इण love पर ?
न समझूं wrong-right म्हैं, इशक म्हारौ इ right है !
तूं दीदा फाड़
एकर देख ! राजिंद में कमी के है ?
अरे ! society में
कीं न कीं म्हारी ई hight
है !
-राजेन्द्र
स्वर्णकार
©copyright by :
Rajendra Swarnkar
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ग़ज़ल दाय आई आपनैं ?
आस करूं आप सब राजी-ख़ुशी हुस्यो ।
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होळी री
आगूंच बधाई
घणी-घणी मंगळकामनावां !
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6 टिप्पणियां:
mazo aaygo zi padh ne to :)
भाई जी होली की राम राम....प्रयोग करना तो कोई आपसे सीखे...राजस्थानी और अंग्रेजी शब्दों का ऐसा अद्भुत प्रयोग न कभी देख सुना और पढ़ा ही...ईं बात पे होली पे सगळा रंग आपके सर लागे...
नीरज
होली है होलो हुलस, हाजिर हफ्ता-हाट ।
चर्चित चर्चा-मंच पर, रविकर जोहे बाट ।
रविवारीय चर्चा-मंच
charchamanch.blogspot.com
प्रिय राजेनद्र जी,राजस्थानी कविता में अंग्रेजी शब्दां रो घणो रूपाल़ो प्रयोग कीधौ है|घणेमान बधाई अर होल़ी रा मिलणा|
आपरो
माधव नागदा
चर्चा मंच पर आपकी रचना कालिंक मिला ऐसे राजस्थानी भाषा का उतना ज्ञान नही है पर विषय और आपके गजल की ले ने सबकुछ अच्छी तरह से समझा दिया |
सुन्दर!
शायद आपकी इस प्रविष्टी की चर्चाआज बुधवार के चर्चा मंच पर भी हो!
सूचनार्थ
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