थांरौ साथो घणो सुहावै सा…

30.3.12

राजस्थान दिवस : अखी रैवो रजथान !

आज राजस्थान दिवस पर आप सबनैं
मोकळी बधाई अर मंगळकामनावां !
आपरी निज़र है सा 
राजस्थान री कीरत में लिख्योड़ा म्हारा दूहा 
अखी रैवो रजथान
कलम कीरती के करै ? गाय गळो के गान ?
अणभै आणंद आतमा , रमी जकी रजथान !!
        
पून झुलावै पालणै , सुख संचारै रात !
धोरां बोलै मोरिया , अर मुळकै परभात !!       
      
भोर उगेरै भजन अर दादी पीसै धान !
पणघट पूगी गोरड़्यां ; जाग उठ्यो रजथान !!
 
पांवधोक ! जीता रैवो ! खम्मा ! रामीराम !
बंतळ कितरी फूठरी ! वाणी रा चितराम !!
              
रीतां-रितुवां मोवणी , सोणा तीज-तिंवार !
हेज हेत हिंवळास सूं भींज्योड़ो व्यौहार !!
घूंघट-झाका घालती , गाय गोरड़्यां गीत !
धुरपद गाय बथूळिया , पून सजै संगीत !!
धरा पसेवो सींचता , करषा नद बैवाय !
रजथानी अभिमान सूं , इंदरदे शरमाय !!
काचर-फळी-मतीरिया, कैर-सांगरी, फोग !
राब, ढोकळा, चूरमो-बाटी राजसभोग !!
  
हींडा, मेळा-मगरिया, पणघट, हाट-बजार !
म्हांरै राजस्थान रा सुरग जिस्या सिणगार !!
    
गोबर-नीप्या झूंपड़ा ;सुरगलोक शरमाय 
मिनख-लुगाई मोवणा ,देवी-देव लजाय !! 
धोरां सागै कामणी-कुदरत राचै रास !
रसमस राजस्थान में जीवण रौ मधुमास !!
खींप खेजड़ी भुरट अर सेवण फोग र जाळ !
कुदरत मा ; रजथान री माटी करी निहाल !!
फुठरापो हद-मोवणो , भांत-भांत रस-रूप !
रेत रजत रजथान री , भाषा अमी सरूप !!

  
निसरै हुय रजथान सूं देव जणै भरमाय !
बिरमाजी कद औ सुरग बीजो दियो बणाय !!
   
दूधां न्हा , पूतां फळो ! अखी रैवो रजथान !
राजिंद री अरदास है… बधै सवायो मान !!
-राजेन्द्र स्वर्णकार
©copyright by : Rajendra Swarnkar
आज इण ब्लॉग ‘ओळ्यूं मरुधर देश री’ पैली बरस गांठ भी है सा …
आप सबरै सनेह सहयोग रौ म्हैं आभारी हूं ।
राजस्थानीभाषा और राजस्थान के प्रति
आशीर्वाद , स्नेह और शुभकामनाओं के लिए
मैं सभी अराजस्थानी मित्रों के प्रति हृदय से कृतज्ञ हूं 
(सगळा फोटू गूगल सर्च सूं साभार)