थांरौ साथो घणो सुहावै सा…

3.3.12

इशक म्हारौ इ right है !

राम राम सा !
होळी घणी दूर कोनीं । सगळां रौ मूड मौज-मस्ती रौ होवणो शुरू हो'ग्यो है । तो आज एक हास्य ग़ज़ल आप सब री निजर है सा
इशक म्हारौ इ right है

चिगावै whole day  तूं अर रुवावै whole night  है !
हुयो,one way इशक कारण म्हारौ हुलियो कीं tight  है !

घडी लागै कै तिर जास्यूं, घडी लागै कै रुळ जास्यूं 
हुया ढीला किस्योडा fuse, जग-बुझ क्यूं आ light  है ?

लगायां gel चुपड़्यां cream कैवै काच proud सूं 
रंगीला ! जा, जनान्यां में था'रौ future तो bright  है !

अड़ै mouse हरखतो जाय' था'रै blog  सूं म्हारौ
पड़ै ठा' click  कर्'यां सूं ; तूं किणी दूजै री site  है !

पटावण नैं थनैं बेलूं म्हैं पापड , दंड ई पेलूं
ज़मानै भर सूं माथाफोड़णी , घर में इ fight  है !

किस्यो ठेको है मजनू रोमियै रांझै रौ इण love  पर ?
न समझूं wrong-right  म्हैं, इशक म्हारौ इ right है ! 

तूं दीदा फाड़ एकर देख ! राजिंद में कमी के है ?
अरे ! society में कीं न कीं म्हारी ई hight है !
-राजेन्द्र स्वर्णकार
©copyright by : Rajendra Swarnkar   
ग़ज़ल दाय आई आपनैं ?
आस करूं आप सब राजी-ख़ुशी हुस्यो ।
होळी री
आगूंच बधाई
घणी-घणी मंगळकामनावां !


6 टिप्‍पणियां:

Manish Khedawat ने कहा…

mazo aaygo zi padh ne to :)

नीरज गोस्वामी ने कहा…

भाई जी होली की राम राम....प्रयोग करना तो कोई आपसे सीखे...राजस्थानी और अंग्रेजी शब्दों का ऐसा अद्भुत प्रयोग न कभी देख सुना और पढ़ा ही...ईं बात पे होली पे सगळा रंग आपके सर लागे...

नीरज

रविकर ने कहा…

होली है होलो हुलस, हाजिर हफ्ता-हाट ।

चर्चित चर्चा-मंच पर, रविकर जोहे बाट ।


रविवारीय चर्चा-मंच

charchamanch.blogspot.com

madhav ने कहा…

प्रिय राजेनद्र जी,राजस्थानी कविता में अंग्रेजी शब्दां रो घणो रूपाल़ो प्रयोग कीधौ है|घणेमान बधाई अर होल़ी रा मिलणा|
आपरो
माधव नागदा

चंदन ने कहा…

चर्चा मंच पर आपकी रचना कालिंक मिला ऐसे राजस्थानी भाषा का उतना ज्ञान नही है पर विषय और आपके गजल की ले ने सबकुछ अच्छी तरह से समझा दिया |
सुन्दर!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

शायद आपकी इस प्रविष्टी की चर्चाआज बुधवार के चर्चा मंच पर भी हो!
सूचनार्थ