आज राजस्थान दिवस पर आप सबनैं
मोकळी बधाई अर मंगळकामनावां !
आपरी निज़र है सा
राजस्थान री कीरत में लिख्योड़ा म्हारा
दूहा
अखी रैवो रजथान
कलम कीरती के करै ? गा’य गळो के गान ?
अणभै आणंद आतमा , रमी जकी रजथान !!
पून झुलावै पालणै , सुख संचारै रात !
धोरां बोलै मोरिया , अर मुळकै परभात !!
धोरां बोलै मोरिया , अर मुळकै परभात !!
भोर उगेरै भजन अर दादी पीसै धान !
बंतळ कितरी फूठरी ! वाणी रा चितराम !!
रीतां-रितुवां मोवणी , सो’णा
तीज-तिंवार !
हेज हेत हिंवळास सूं भींज्योड़ो व्यौहार !!
घूंघट-झाका घालती , गा’य गोरड़्यां गीत !
धुरपद गा’य बथूळिया , पून सजै संगीत !!
धरा पसेवो सींचता , करषा नद बैवाय !
रजथानी अभिमान सूं , इंदरदे’ शरमाय !!
काचर-फळी-मतीरिया, कैर-सांगरी, फोग !
राब, ढोकळा, चूरमो-बाटी राजसभोग !!
हींडा, मेळा-मगरिया, पणघट, हाट-बजार !
म्हांरै राजस्थान रा सुरग जिस्या सिणगार !!
हींडा, मेळा-मगरिया, पणघट, हाट-बजार !
म्हांरै राजस्थान रा सुरग जिस्या सिणगार !!
गोबर-नीप्या झूंपड़ा ;सुरगलोक शरमाय
मिनख-लुगाई मोवणा ,देवी-देव लजाय !!
धोरां सागै कामणी-कुदरत राचै रास !
खींप खेजड़ी भुरट अर सेवण फोग ’र जाळ !
कुदरत मा ; रजथान री माटी करी निहाल !!
रेत रजत रजथान री , भाषा अमी सरूप !!
निसरै हुय रजथान सूं देव जणै भरमाय !
बिरमाजी कद औ सुरग बीजो दियो बणाय !!
राजिंद री अरदास है… बधै सवायो मान !!
-राजेन्द्र स्वर्णकार
©copyright
by : Rajendra Swarnkar
आज इण ब्लॉग ‘ओळ्यूं मरुधर देश री’ पैली बरस गांठ भी है सा
…
आप सबरै सनेह सहयोग रौ म्हैं आभारी हूं ।
आशीर्वाद , स्नेह और शुभकामनाओं के लिए
14 टिप्पणियां:
भाई जी
राजस्थान री किरत म लिख्योड़ा आपरा दुहा बांच रै हिवड़ो राजी हुग्यो !
आप तो भोत ही तकड़ी कलम चलायी है !
एक एक दुहो रुंगटा खड्या कर देवे !
जे कोई परवासी राजस्थानी पढ़ लेवे तो म्हारो दावो है के बिन्क्क नैणा नीर चालज्या !
भाई जी कमाल करयो है आप तो ,
म्हारे साग्गै शेयर करण वास्ते आपरो घणो घणो आभार !
सभी नै ढेर सारी बधाइयाँ
णी घणी बधाई सा. आप'री कविता और साथ में चित्र देख'र म्हारो मन राजस्थान मैं पहुँच ग्यो . बहुत सुन्दर और सारगर्भित है. मेरो जी करै है क कुछ चित्र उधार लेल्युं
मात्र भूमि को समर्पित इस पोस्ट के सुन्दर दोहों से जितना समझा, जो समझा उसके बारे में भाई दिलीप दीक्षित जी के शब्दों में ही कहूँगा कि "........ आपरो घणो घणो आभार ! "
मात्र भूमि को समर्पित इस पोस्ट के सुन्दर दोहों से जितना समझा, जो समझा उसके बारे में भाई दिलीप दीक्षित जी के शब्दों में ही कहूँगा कि "........ आपरो घणो घणो आभार ! "
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# भाई दिलीप दीक्षित जी,
आपरौ घणो घणो आभार ! आगै भी म्हारी रचनावां नैं आपरी पारखी दीठ सूं धन्य करता रैईजो सा…
# चैतन्य बाबू , मोकळी आशीष थांनैं …
अर थांरै मम्मीजी-पापाजी नैं लखदाद !
# Unknown जी , आप आपरौ नाम लिख दिया करो साथै … :)
आपरी भावना रौ म्हैं घणो माण करूं …
# आदरणीय सुबीर रावत जी ,
हृदय से आभारी हूं !
आपके आगमन से मेरी पोस्ट सफल हुई …
हर रचना के साथ शब्दार्थ या भावार्थ देने का मेरा हमेशा प्रयास रहता है , ताकि राजस्थानी पूरी तरह न जानते हुए भी पढ़ कर मूल्यांकन करने वाले गुणीजन को अधिक असुविधा न हो …
यह प्रविष्टि बहुत जदबाजी में लगाई थी , चित्र मेरे छोटे बेटे ने बाद में बड़े जतन से लगाए
kavita ro ras kaai huve abe tha chalyo !!!
beautiful pics
happy Rajasthan day
सजीव सुन्दर चित्रों युक्त अत्यंत ही मनोहारी भाव पूर्ण अभिव्यक्ति ...हार्दिक शुभ कामनाएं !!!
Chitra achhe lage... raajsthani thodi bahut hi samajh mein aayi...
राजस्थान की सौंधी खुसबू मिली॥
मेरे ब्लॉग पर आकर आपने ... मुझे प्रोत्साहित किया सादर नमन
most butiful ur all photo graf.Realy i impress.
Very butiful your all photograf, Realy i impress.
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व्हाला भाई हेमेन्द्र सोनी जी
घणो हरख हुयो , आप अठै पधार्'या अर आपरी टीप मांडी ।
जे आप राजस्थानी भाषा पढणी जाणता हुवो
तो म्हारा लिखियोड़ा दूहा जरूर बांचजो सा …
…क्यूं कै फोटू तो गूगल सूं उठायोड़ा है
फोटुवां री बडाई पर फोटू खींचण वाळां रौ ई हक है , म्हारौ नीं !
म्हारौ लेखन आपनैं आछो लाग्यो हुवै तो सुरसत माता री मैर
मोकळी मंगळकामनावां …
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