श्रीकृष्णजन्माष्टमी
री
घणी घणी बधाई
अर
अर
मंगळकामनावां
जय जय लीलाधारी
बनवारी गिरधारी माधव मोहन कृष्ण मुरारी
गोपाळा नटनागर कान्हा केशव कुंजविहारी
जय नटवर जय देवकीनंदन चक्र सुदर्शनधारी
जय गोविंद कन्हैया सांवळ जय गोवर्धनधारी
तीन लोक रौ स्वामी भू पर लीला किरत रचायो
गाय चरायो , माटी खायो , मुख ब्रह्मांड दिखायो
धन धन धन महतारी... जय जय लीलाधारी
जमनाजी रै तट कान्हो गोप्यां संग रास रचायो
डाळ-कदंब राधा संग हींड्यो ; मुरली मधुर बजायो
मगन जीव-संसारी... जय जय लीलाधारी
तार्'यो गोप्यां-गोप उधव विदुराणी-विदुर सुदामा
मार्'यो राखस नाग पूतना कंस सरीखा मामा
सिमरथ नैं के भारी... जय जय लीलाधारी
द्रुपद-सुता री टेर सुणी , बैकुंठ सूं दौड़्यो आयो
माण घटण नीं दियो सती रौ माण 'र चीर बधायो
थकग्या कामाचारी... जय जय लीलाधारी
पारथ रौ रथ हांक्यो अर निज रूप विराट दिखायो
'मोह त्याग' निज कर्म करो' - गीता-उपदेश सुणायो
जगत हुयो आभारी... जय जय लीलाधारी
भगतां री पत राखण' दौड़्यो पग-उबराणो आवै
मोह-माया रा वस्त्र हरै , घट फोड़ै , मर्म बतावै
जगती रौ हितकारी... जय जय लीलाधारी
योगेश्वर निरवाळो-न्यारो , माया-मोह-रमणियो
भोळै भगतां रौ भीड़ी , भवसागर पार करणियो
सिंवरो सब नर-नारी... जय जय लीलाधारी
-राजेन्द्र स्वर्णकार
©copyright by : Rajendra Swarnkar
14 टिप्पणियां:
आपको भी जन्माष्टमी की बधाई एवं शुभकामनाएँ.
बहुत सुंदर प्रस्तुति नटवरलाल के लिए /बहुत सुंदर चित्रों के साथ लिखी शानदार रचना /बहुत बहुत बधाई आपको /आपको भी जन्माष्टमी की बहुत बहुत शुभकामनाएं /
please visit my blog.thanks.
मेरे ब्लॉग पर आने के लिए धन्यवाद.
यदि मीडिया और ब्लॉग जगत में अन्ना हजारे के समाचारों की एकरसता से ऊब गए हों तो मन को झकझोरने वाले मौलिक, विचारोत्तेजक विचार हेतु पढ़ें
अन्ना हजारे के बहाने ...... आत्म मंथन http://sachin-why-bharat-ratna.blogspot.com/2011/08/blog-post_24.html
मोकळी बधाई |
इरी कोई धुण कोण बणायी के ?
# Rajasthani Vaata
हां सा , सुरसत माता इण गीत री ई ब्होत फूटरी धुन म्हनैं दी … निंवण है माता नैं !
आप आपरा मोबाइल नंबर देवो म्हैं आपनैं मौको मिलियां सुणा देस्यूं कदै :)
राजस्थानी री बात करणिया भायां री कोई प्रतिक्रिया नीं मिलणै सूं म्हैं म्हारी धुनां इण ब्लॉग पर राखतो शंकूं … क्यूं कै म्हारी लाखीणी धुनां म्हैं जठै अपलोड करूं … बठै सूं म्हारै हर गीत नैं पचासूं बार डाउनलोड करीज्योड़ो बतावै । ज़रूर घणखरा म्हारौ माण ई बढावण खातर डाउनलोड करै … पण मंचां पर सुण'र ई केई जणा म्हारी धुनां चोर'र गा'वता ध्यान में आया है … जणै एक डर भी लखावै …
मानूं , लिछमी री चोरी हुवै , सुरसती री चोरी स्सोरी कोनीं …
म्हारा मोबाइल नंबर है 9314682626
# आदरणीय समीर जी ,
आपने हमेशा मेरा मान बढ़ाया ह , मुझे प्रोत्साहित किया है … सदैव कृतज्ञ हूं आपके प्रति …
स्नेह-सौहार्द बनाए रहें , आभार !
# आदरणीया प्रेरणा जी ,
जय श्रीकृष्ण !
आपके पधारने का धन्यवाद !
अवश्य ही आपके यहां आना मेरा सौभाग्य है …
कृपा-स्नेह बनाए रहें , आभार !
मेरे ब्लॉग पर आकर टिप्पड़ी करने के लिए आभार /आशा है आगे भी आपका सहयोग मेरी रचनाओं को मिलता रहेगा /शुक्रिया /
www.prernaargal.blogspot.com
ये लाखीणी,घणखरा समझ कोनी आयो म्हाने...
''माटी खायो ...? ''
इ बात तो म्हाने पहली बार पता चली सै ....:))
धुरि भरे अति शोभित श्याम जू,तैसी बनी सर सुन्दर छोटी
खेलत ख़त फिरे अगना,पग पैजनी बजट पीर कछोटी
...............
..................अति सुन्दर प्रस्तुति
जय श्रीकृष्ण
''तीन लोक रो स्वामी..''
भगवान् श्री कृष्ण री सहजता अर विराट लीला रो एक साथ बखान. घणी भावपूर्ण रचना.
आपको सपरिवार
नवरात्रि पर्व की बधाई और
शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं !
बेहद सरस और माधुरी पूर्ण प्रस्तुति .
भगवान श्री कृष्ण की विराट लीला को अभिव्यक्त करती अत्यंत भाव पूर्ण प्रस्तुति ...नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनायें !!
मेरे ब्लाग में पधार कर स्नेह रश्मियाँ संप्रेषित करने के लिये कोटि कोटि अभिनन्दन !!!
Rajendra ji,
bahut sundar rachna hai. kuchh shabd ka arth samajh nahin paai, raajsthaani shabd hai shayad. shubhkaamnaayen.
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